Kota:अपनी 10 साल की उपलब्धियों पर एक शब्द भी नहीं बोले बिरला जी : गुंजल

कोटा : कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने आज केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के बलवन, सुमेरगंजमंडी, दौलतपुरा, करवर, माणी, बामनगांव, बालापुरा, खजूरी, तलवास सहित कई गांवो में जनसंपर्क किया जहां प्रहलाद गुंजल का ग्राम वासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। गांव में जब गुंजल ने बुजुर्गों से पैर छूकर जीत का आशीर्वाद मांगा तो बुजुर्गों ने पूरे जोश और उल्लास के साथ गुंजल को जीत का आशीर्वाद व आश्वासन दिया। गुंजल ने ग्राम वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि दस साल तक कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे बिरला जी अपनी एक भी उपलब्धि नहीं बता पा रहे हैं। आपका बेटा, आपका भाई प्रहलाद गुंजल आपसे दस साल बनाम एक मौका देने की बात कर रहा है। गुंजल ने आरोप लगाते हुए कहा कि तीन बार विधायक व दो बार सांसद रहे बिरला जी ने अपना और अपने परिवार का ही साम्राज्य बढ़ाया है शहर की सारी संस्थाओं पर उनका कब्जा है घर का एक-एक व्यक्ति किसी न किसी संस्था का चैयरमेन है, कोटा बूंदी लोकसभा में इसके अलावा बताने के लिए उनके पास कोई उपलब्धि नहीं है। गुंजल ने कहा कि कार्यकर्ताओं को डराकर, अपनी परिक्रमा करवाकर भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने का प्रमाण पत्र देने वाले, पाँच साल तक शहर में कार्यकर्ताओं के माथे पर अपने फोटो लगाकर राज करने वालों के फोटो आज बैनर, पोस्टरो से गायब हो गए हैं। यदि इतने ही  ताकतवर हो तो अपने चेहरे पर चुनाव लड़कर दिखाओ।जनसंपर्क के दौरान विधायक सी एल प्रेमी सहित कांग्रेस नेता साथ रहे।

धनबल व पूरी ताकत के बाद भी भीड़ नहीं जुटा पाए बिरला जी

गुंजल ने कहा कि नामांकन रैली के लिए अनाब शनाब पैसे का उपयोग व पूरी ताकत लगाने के बाद भी बिरला जी नामांकन रैली में भीड़ नहीं जुटा पाए। गुंजल ने कहा कि नामांकन रैली के लिए कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र नहीं पूरे राजस्थान से लोगों को बुलाया गया था फिर भी संख्या नहीं जुटा सके।

सरकारी मशीनरी का हुआ जमकर दुरुपयोग

गुंजल ने कहा कि नामांकन रैली में बिरला जी ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया रैली के लिए नगर निगम व नगर नगर विकास न्यास सहित कई सरकारी संस्थाओ के कर्मचारियों को जबरदस्ती रैली में शामिल होने के लिए बाध्य किया गया। सत्ता के दम पर कोचिंग स्टूडेंट, लघु उद्योगों के कामगारों, मजदूरो सहित कई छोटी बस्तियों में पैसे देकर जबरदस्ती लोगों को रैली में लाया गया।